Friday 10 July 2015

उतार देंगे लाल बत्ती....

कुछ अजीब सा मेरे मुल्क का अब मौसम हो गया है, उनकी ज़रा सी चोट पर सारे मिडिया को गम हो गया है किसी के घर की रौशनी बुझी, उसका जिक्र नहीं करेंगे, हेमा को जरा सी चोट क्या लगी सबको जख्म हो गया है प्यारी सी गुड़िया चली गयी किसी की लापरवाही से उसकी परवाह नहीं लगता है मुल्क में इंसान कम हो गया है हेमा से ऐसे मिलने जा रहे हैं सारे के सारे रहनुमा जैसे टुट गया हो पहाड़, इन पर कोई सितम हो गया है उस माँ की चिंता भी कर लो बेगैरतो जिसक गुड़िया चली गयी !!! उतार देंगे अगले चुनाव में अगर लाल बत्ती का ज्यादा अहम हो गया है, ये मत भूलना की जनता जनार्दन हम है........

प्रेषक
जनता की आवाज़

Friday 3 July 2015

बेटी हमारी वजह से होती है, औरत की क्या गलती ?

X क्रोमोज़ोम ने Y से मुह मोड़ लिया और उदास बैठा हुआ था, Y ने X के कंधे पर हाथ रखा और पूछा "क्या बात हो गयी यार X?आज से पहले तुझे कभी इतना परेशान नहीं देखा X बोला "यार Yहैं तो हम दोनों ही पुरुष के अंदर ,परन्तु जब तू स्त्री के X के साथ जा कर मिलता हैतो पुत्र उत्पन्न होता है, लोग ख़ुशी मनाते हैं, मिठाइयाँ बाटते हैं और जब मैं X के साथ मिलता हूँ तो मायूसी छा जाती है और लोग तब तक प्रयासरत रहते हैं जब तक तू जा कर X से नहीं मिल जाता.. मुझे तुझसे ईर्ष्या हो रही है और खुद के होने पर अपराधबोध..."पुत्र या पुत्री होने के निर्णायक हम दोनों ही हैं  परन्तु सारा समाज स्त्री को ही दोषी मानता है, अब तो मुझसे ये कन्या भ्रूण की चीत्कार "मुझे जीने दो ,मुझे जीने दो" नहीं सुनी जाती... गलती मेरी होती है बेसगरी बेटियो को मार जाता है आखिर क्यों ? उनको मारने से पहले या एक औरत को कोसने से पहले खुद की भी जांच करा लीजिए.....

आपका,
अपना  क्रोमोज़ोम जिन