Sunday 20 October 2013

बेटियां.............




ओस की बूंद होती है बेटियां, पापा की प्यारी व माँ की दुलारी होती है बेटियां,
माँ- बाप के दर्द में हमदर्द होती है बेटियां ....
रोशन करेगा बीटा तो बस एक ही कुल को, दो - दो कुलों की लाज होती हैं बेटियां,
हीरा अगर है बेटा तो सच्चा मोती हैं बेटियां ..
कांटो की राह पर चलती हैं बेटियां, ओरों की राह में फूल बनती हैं बेटियां...
कहने को पराई अमानत हैं बेटियां ...
पर बेटों से भी बढ़कर अपनी होती हैं बेटियां..
बेटा है आँख तो पलक हैं बेटियां,
जीवन का सारांश हैं बेटियां..!!!
कृष्णा नन्द राय!!