Tuesday 25 February 2014

माँ ! मैं आज भी तेरा बच्चा हूँ....


घुटनों से रेंगते - रेंगते
कब पैरों पे खड़ा हुआ,
तेरी ममता के आँचल में
न जाने कब बड़ा हुआ,
सर पे काला टिका और दूध मलाई
आज भी वो यादे सब कुछ वैसी है,
मैं ही मैं हूँ हर जगह
प्यार ये तेरा कैसा है,
सीधा साधा भोला भाला,
मैं ही सबसे अच्छा हूँ,
कितना भी हो जाऊँ बड़ा
माँ ! मैं आज भी तेरा बच्चा हूँ....
माँ ! मैं आज भी तेरा बच्चा हूँ....

आपका 
कृष्णा नन्द राय