Monday 14 April 2014

कोई "भंगी" कैसे हो सकता है..?,

हद है यार...
दो दिन पहले की बात अपने घर से ऑफिस जा रहा था, घर से थोड़ी दूर पे देखा की एक औरत एक छोटे से बच्चे को पिट रही थी, मुझे समझ नहीं आरहा था क्यों..? जब मैंने पूछा तो पता चला की बच्चे ने किसी "भंगी" के घर की रोटी खायी है....... सिर्फ इतना का दोष था की उसने अपने से किसी छोटी जाती के घर की रोटी खायी.. अब न तो उस बच्चे को पता था की छोटी जाती क्या होती है..? न ही उस रोटी ने कहा की मैं छोटी जाती के घर की रोटी हूँ... दोनों अनजान थे... 
क्या छोटी जाती के घर की रोटी खाने से कोई "भंगी" कैसे हो सकता है..?, यदि कोई "भंगी" हो सकता है तो फिर बड़े जाती के घर की रोटी जो वो लोग दिन रात मेहनत कर के खाते है तो वो "ब्राम्हण" क्यों नहीं हो जाते..? है जवाब कसी के पास...

कृष्णा नन्द  राय