मेरा मुद्दा ... मेरी सोच....!!!!!
मैं हमेशा इस बात को स्वीकार करने के लिए तैयार था कि मैं कुछ चीजें नहीं बदल सकता.
Thursday 16 October 2014
आपके के ही नज़रिए से....
वक़्त कब क्या रंग दिखाए हम नहीं जानते,
वर्ना जिस "राम" को रात को राज्य मिलने
वाला था,
उसे सुबह वनवास ना मिलता....!
आपका,
नजरिया
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