Wednesday 22 January 2014

जो फिर से हो जाए... वो प्यार कैसा......



आज जो भी कुछ लिख रहा हूँ बड़े दुःख के साथ लिख रहा हूँ समझ ही नहीं आ रहा कि मुस्कुराऊं या उदास होकर बैठ जाऊं, फिर सोचता हूँ हर चीज़ उदास होकर बैठ जेन से खत्म नहीं हो जाता, आगे बढ़ना पड़ता है... येही सोच कर ये ब्लॉग लिख रहा हूँ... जिसे खूब चाहा बहुत प्यार किया जिससे पे आँखे बंद कर के विश्वाश किया उसी ने साथ छोड़ दिया एक झटके में....तोड़ दी वो सारी उम्मीदें जो उससे करता था, तोड़ दिए वो विश्वाश जो उस पे  था... ओह्ह्ह क्या करू समझ ही नहीं आता.... दिल को समझाता हूँ लोगो से बात करता सुन ताकि याद नहीं उसकी यादें... फिर याद आजाती है उसकी यादें.. आखिर क्यों नहीं दिल उसको भी भूल जाता है, जब उसको कोई फर्क नहीं पड़ता आखिर क्यों दिल उसी को याद करता है, जिसने धोखा दिया... क्या करू इन्सान हूँ न हर कोई एक जैसा थोड़ी होता है ओह्ह्ह्हह्ह ... बचपन से यही सुनता आया हूँ कि प्यार में भगवान होता है, पर ये नहीं सुना था कि प्यार में भी धोखे बाज लोग होते..... उम्मीद मैं उससे अब कुछ करता नहीं हूँ...... कोई विस्वास एक बार टूट के फिर नहीं जुड़ता ओह्ह्हह्ह दुःख हो रहा है मुझे... पर अभी भी उमीद सी लगती है, जो कि बेकार है पर दिल है उमीद करने दो..... तुम्हारे लौटने कि उमीद करता हूँ ...

जो बदल जाए वो प्यार कैसा 
जो छोड़ जाए वो साथ कैसा 
लोग अक्सर मुझे कहते है, मुझे फिर से प्यार हो जाएगा
जो फिर से हो जाए... वो प्यार कैसा......

आपका
कृष्णा नन्द राय