Saturday 19 July 2014

उत्तरप्रदेश की हालत...



उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था और सरकार दोनो ही नेतृत्व हीन है क्यो की प्रदेश के जनता का दर्द ना तो सुनाई पड़ता है ना ही दिखाई पड़ता है जनता समझ नही पा रही है की न्याय के लिए किस का दरवाज़ा खट खटाए कही एसा ना हो की एसे दरिंदो की सजा के लिए जनता अपने आप फेसला करना शुरू कर दे l

पुलिस आजम खान की भैंसो को ढूंढने मे व्यस्त रहती है पर अपने घर मे क्या हो रहा है उसका पता भी नही चलता l

इंसान के रूप में दरिंदे घूम रहे हैं ओर कानून मस्त बेठा है, आज से 1 साल पहले दिल्ली की "निर्भया " का काण्ड हुआ था ओर उसके बाद ना जाने कितनी ही निर्भया जैसी कितनी ही कुर्बान हो गयी है, दिल्ली में 20 -30 ओर उत्तर प्रदेश में 40-50 निर्भया मर चुकी हैं, जिस देश में कानून ही सोया होता है, वाहं पर ऐसी ही घटना होना मामूली बाते है, भारत देश के कानून में बहुत सारी दलीले है, अड़चने है जो आम आदमी की पहुंच से दूर होता जा रहा है , अगर कानून ऐसा नही होता तो दिल्ली की निर्भया के काण्ड के दरिंदो की फांसी दुनिया के सामने होती तो उसके बाद ऐसे मामलो पे एक सख्त संदेश मिलेगा l

कुछ गलत लिखा हो तो छमा करना === क्योकि एसे वारदात सुन कर रहा नही जाता ====