Saturday 25 October 2014

कैमरे की एक्टिंग ठीक है या नेचुरल..?

बड़ा अजीब लगा आज फिर से एक्टिंग कर- कर के, ऑफिस के कुछ दोस्तों ने एक दम से कहा कुछ एक्टिंग करनी है जिसमें मुझे एक लड़की को छेड़ना था.. अजीब था कभी ऐसा किया तो नहीं है, पर आज नेचुरल एक्टिंग से निकल कर कैमरा की एक्टिंग करनी थी.. जो कैमरा को ठीक लगे.. खैर पूरी ज़िन्दगी एक्टिंग ही तो करनी है क्योकि ये ज़मी एक मंच है और हम उस मंच के कलाकार ... खैर जो भी हो आज स्कूल के दिन याद आगए जब
मैंने स्टेज पे परफॉरमेंस किया था, आज वो फिर से एक्टिंग रुक - रुक के  कैमरे पे दिख रही थी, कैमरामैन भी खुश था, अच्छी एक्टिंग हुई ऑफिस के बहार,  लड़की को छेड़ा  और इन सब एक्टिंग में एक सिख दी जब अत हो जाती है किसी भी चीज की तो कोई भी एक ऐसा कदम उठता  जो किसी ने सोची नहीं होती, और वही दिखया गया इस एक्टिंग में की हम तीन दोस्त एक लड़की को छेड़ रहे थे वो लड़की परेशान थी उसे समझ नहीं आरहा था की वो क्या करे कभी पुलिस को फ़ोन करती तो कभी स्प्रे निकालती .. डरी  हुई थी और आखिर उसने वो किया जो शायद हम तीन दोस्तों को उमीद नहीं थी, उसने बन्दुक निकाली और हमारे एक दोस्त पे कापते हुए हाथ से गोली चला दी... उफ्फ्फ्फ़ ये क्या हो गया ये आवाज़ हमारी भी निकली थी... चेहरे पे परेशानी साफ़ नज़र आ रही थी.. और हम दो बचे दोस्त भाग गए... इसलिए कोई भी कुछ कर सकता है किसी को कमजोर मत समझिए...

जो भी हो अच्छा लगा एक्टिंग कर के पर मेरे लिए एक सवाल ये भी है की कैमरे की एक्टिंग ठीक है या नेचुरल..?