तू छोड़ दे कोशिशें
इन्सानों को पहचानने की...!
यहाँ जरुरतों के हिसाब से
सब नकाब बदलते हैं...!
मेरे बारे मे कोइ राय मत बनाना गालिब,
मेरा वक्त भी बदलेगा, और तेरी राय
भी.…
आपका,
अनजान शायर
इन्सानों को पहचानने की...!
यहाँ जरुरतों के हिसाब से
सब नकाब बदलते हैं...!
मेरे बारे मे कोइ राय मत बनाना गालिब,
मेरा वक्त भी बदलेगा, और तेरी राय
भी.…
आपका,
अनजान शायर