हर भोला भाला इंसान खुराक बन गया जनाब! जमाना चालाक बन गया है
शरीफ को कोई कैसे जीने देगा, बदमाश! जो उस्ताद बन गया है l
हिन्दू से मुसलमान तो लड़ेगा, राम का रहीम से जो तलाक बन गया है l
गरीब को देखकर शहर को बू आती है, क्यूँ ये भूखा शहर का भिखारी बन गया है l
बांटते रहो लोगो को धर्म और जात पर, इलेक्शन अबके भी ख़ास बन गया है l
अब कौन करें फैसला इन मसलों का, जो भी चुना गया वहीं सरताज़ बन गया है l
वाह रे कृष्णा तू तो अब साहब बन गया , क्योकि ज़माना चालाक बन गया है l
आपका ,
कृष्णा नन्द राय
शरीफ को कोई कैसे जीने देगा, बदमाश! जो उस्ताद बन गया है l
हिन्दू से मुसलमान तो लड़ेगा, राम का रहीम से जो तलाक बन गया है l
गरीब को देखकर शहर को बू आती है, क्यूँ ये भूखा शहर का भिखारी बन गया है l
बांटते रहो लोगो को धर्म और जात पर, इलेक्शन अबके भी ख़ास बन गया है l
अब कौन करें फैसला इन मसलों का, जो भी चुना गया वहीं सरताज़ बन गया है l
वाह रे कृष्णा तू तो अब साहब बन गया , क्योकि ज़माना चालाक बन गया है l
आपका ,
कृष्णा नन्द राय