मुज़ाहिर हूँ मैं एक जहाँ छोड़ आया हूँ,
तुम्हारे पास जितना है उतना छोड़ आया हूँ,
अतीत का एक पन्ना है, जो दोहराना नहीं चाहता,
मैं अपनी ज़मीन के लिए अपना सोना छोड़ आया हूँ.....
(मुनव्वर राना)
तुम्हारे पास जितना है उतना छोड़ आया हूँ,
अतीत का एक पन्ना है, जो दोहराना नहीं चाहता,
मैं अपनी ज़मीन के लिए अपना सोना छोड़ आया हूँ.....
(मुनव्वर राना)