Saturday 28 December 2013

अरविन्द जी मौका मिला है चौका मार दीजिए...



बहुत दिन ब्लॉग नहीं लिख पा रहा था, रोज़ नए मुद्दे आते थे नयी सोच और इसी चकर में मेरी सोच किसी  एक मुद्दे पे न होकर सब पे चली जाती है.... चुनावों का समय था, नतीज़े आए बीजेपी को  बढ़त मिली  पर दिल्ली में उथल पुथल थी कौन सरकार बनाएगा, बीजेपी को बढ़त थी पर इतनी बढ़त भी नहीं कि सरकार बनाई जाए... 'आप' पे सबकी नज़र थी कि वो कुछ करे... पर  आप ने कह दिया था कि न वो समर्थन लेंगे न देंगे... अब कांग्रेस के बारे में क्या बोलू वो तो खीझीआई बिल्ली हो गयी है... पंजा मरती रहती है सब पे... नाराज़ मत होना कांग्रेस भाई  लोग अब नाराज़ हो तो येही लिखूंगा न... खैर अपनी मुद्दे पे आता हूँ कोई ये  बोल  रहा था कि वो रचनात्मक विपक्ष कि भूमिका निभाएंगे तो कोई कह रहा है कि नहीं हम बैठेंगे विपक्ष में.. हम तो कंफ्यूज हो गए थे कि ये क्या हो रहा है किसी को सरकार कि लालच नहीं है, फिर याद आया कि  लालच तो सबको है पर बहुमत नहीं है.. और कौन किसको बहुमत देगा ये फाइनल ही नहीं हो रहा था.. कोई किसी को दो मुहा सांप कह रहा था तो कोई "आप" को सांप का भाई कह रहा था... आप बीजेपी के साथ गठबंधन करना नहीं चाहती थी, कांग्रेस बीजेपी के साथ नहीं कर  सकती... उप - राज्यपाल जी का निमंत्रण गया बीजेपी के पास सरकार बनाने के लिए क्यों सब से बड़ी पार्टी वही थी.. पर बीजेपी ने साफ़ मन कर दिया कि वो सरकार नहीं बनाएगी l 
वाह जी वाह !!! क्या खूब बीजेपी जिस नाम से पहले जानी जाती थी "पार्टी  वित् डिफ्फर" वही फिर किया सब से अलग... खैर ये बीजेपी का खुद का एजेंडा था उसको पूरा बहुमत था नहीं न वो किसी से लेना चाहती थी न उससे कोई देना चाहता था... दूसरी तरफ कांग्रेस ने उप - राज्यपाल जी को चिट्ठी लिख के "आप" को समर्थन दे कि बात  कही,  अब बारी  आयी आप कि उप - राज्यपाल जी का निमंत्रण गया आम आदमी पार्टी   को आप ने उप - राज्यपाल जी से वक़्त माँगा  कि वो जनता से पूछेंगे कि कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाए या न बनाए... समय मिल गया जनता से जवाब मिला कि बनाइए... उप - राज्यपाल जी को आप ने चिट्ठी लिखी और सरकार बनाने कि बात कही... और आज अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री का पद संभाला... जनता ने इनको मौका दिया है और मैं इनको ऑल दी  बेस्ट कहता हूँ ताकि ये चौका मारे.... अरविन्द जी ऑल दी बेस्ट...

आपका 
कृष्णा नन्द राय